Uttarakhand Ki Awaz – Uttarakhand Ki awaz https://uttarakhandkiawaz.com Thu, 08 Aug 2024 15:29:24 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 230939457 बांग्लादेश की स्थिति पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का बयान https://uttarakhandkiawaz.com/statement-of-foreign-minister-dr-s-jaishankar-on-the-situation-in-bangladesh/ https://uttarakhandkiawaz.com/statement-of-foreign-minister-dr-s-jaishankar-on-the-situation-in-bangladesh/#respond Wed, 07 Aug 2024 11:07:22 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9497

नई दिल्ली। बांग्लादेश में वर्तमान में स्थिति नाजुक बनी हुई है। इस संदर्भ में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों के नेताओं के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्पष्ट रूप से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बहुत ही कम समय में भारत आने की मंजूरी मांगी थी और कल शाम दिल्ली पहुंचीं।

डॉ. जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ हमारे राजनयिक मिशनों के माध्यम से निरंतर संपर्क बनाए रखा जा रहा है। वहां अनुमानित 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9,000 छात्र हैं। अधिकांश छात्र जुलाई में ही लौट आए हैं।

अल्पसंख्यकों की स्थिति गंभीर
विदेश मंत्री ने अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा पहल की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा, “हम कानून और व्यवस्था बहाल होने तक बेहद चिंतित रहेंगे। पिछले 24 घंटों में इस जटिल स्थिति के वीडियो में हमारे सीमा सुरक्षा बलों को असाधारण सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।”

डॉ. जयशंकर ने यह भी बताया कि हम बांग्लादेश की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखे हुए हैं और वहां के हालात को लेकर पूरी तरह से अपडेटेड हैं।

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क्षतिग्रस्त मार्ग को ठीक करने में जुटे मजदूरों पर खराब मौसम की पड़ी मार https://uttarakhandkiawaz.com/the-workers-engaged-in-repairing-the-damaged-road-were-hit-by-bad-weather/ https://uttarakhandkiawaz.com/the-workers-engaged-in-repairing-the-damaged-road-were-hit-by-bad-weather/#respond Wed, 07 Aug 2024 10:05:39 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9494

केदारनाथ धाम से छोटी लिंचौली तक पैदल यात्रा मार्ग पर आवाजाही शुरू

सोनप्रयाग में बाधित सड़क मार्ग को खोलने के लिए कार्य शुरू

रुद्रप्रयाग। केदारघाटी में 31 जुलाई को आपदा के कारण हुए नुकसान एवं राहत एवं बचाव कार्यों में मौसम बार बार बाधक बन रहा है।क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग एवं पैदल यात्रा मार्ग में अवरुद्ध यात्रा मार्ग को ठीक करने में लगे मजदूरों को खराब मौसम बार बार रोक रहा है।

अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच जो डेढ मीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया था । उसे खोलने के लिए पोकलैंड मशीन के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही सोनप्रयाग पुल के पास जो सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी उसका पुश्ता निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है । लगभग 15 स्थान ऐसे हैं जहां पैदल सड़क मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए मजदूरों द्वारा विषम कठिन परिस्थितियों में मरम्मत एवं निर्माण कार्य निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम से छोटी लिंचौली तक क्षतिग्रस्त पैदल यात्रा मार्ग को आवाजाही हेतु सुचारू कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मजदूरों द्वारा क्षतिग्रस्त केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग को खोलने के लिए कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है किन्तु मौसम साथ न देने के कारण मजदूरों की सुरक्षा के दृष्टिगत कार्य निरंतर नहीं हो पा रहा है।

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उत्तराखण्ड कैडर के आईएएस अमित नेगी को पीएमओ में मिली जिम्मेदारी https://uttarakhandkiawaz.com/uttarakhand-cadre-ias-amit-negi-gets-responsibility-in-pmo/ https://uttarakhandkiawaz.com/uttarakhand-cadre-ias-amit-negi-gets-responsibility-in-pmo/#respond Wed, 07 Aug 2024 09:14:10 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9491

आईएएस अमित नेगी प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव नियुक्त

नई दिल्ली। उत्तराखण्ड कैडर के आईएएस अमित सिंह नेगी (आईएएस: 1999: यूके) को प्रधान मंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव नियुक्त किया गया है।

इससे पूर्व नेगी उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके है। आईएएस अमित नेगी के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय में आईएएस मंगेश घिल्डियाल डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं।

गौरतलब है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने मंगलवार देर शाम आईएएस अधिकारियों में बड़ा फेरबदल किया। चौदह अधिकारियों को अतिरिक्त सचिव स्तर पर नए कार्यभार दिए गए हैं, जबकि चार को उनके पदों को अस्थायी रूप से अपग्रेड करके अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

इन अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

निधि छिब्बर (आईएएस: 1994: सीजी) को नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

टीके अनिल कुमार (आईएएस: 19995: केएन) अब कार्लिन खोंगवार देशमुख (आईएएस: 1996: एमपी) के स्थान पर ग्रामीण विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास विभाग में अतिरिक्त सचिव हैं।

धीरज साहू (आईएएस: 1996: यूपी) अब प्रबंध निदेशक, लघु किसान कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम, कृषि और किसान कल्याण विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद और वेतन पर हैं।

मनीष गर्ग (आईएएस:1996: एचपी) अब अतिरिक्त सचिव स्तर पर पद को अस्थायी रूप से अपग्रेड करके अतिरिक्त सचिव के पद और वेतन पर भारत के चुनाव आयोग के उप चुनाव आयुक्त हैं।

मनीषा सक्सेना (आईएएस: 1996: एजीएमयूटी) को विभाग में डीएस/निदेशक के रिक्त पद को अस्थायी रूप से अपग्रेड करके कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

कार्लिन खोंगवार देशमुख (आईएएस: 1996: एमपी) को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

वीन्द्र कुमार अग्रवाल (आईएएस: 1997: केएल) को सहकारिता मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव नियुक्त किया गया है।

पुनीत अग्रवाल (आईएएस: 1998: टीआर) को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया गया है।

अमित सिंह नेगी (आईएएस: 1999: यूके) को प्रधान मंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव नियुक्त किया गया है।

मुग्धा सिन्हा (आईएएस: 1999: आरजे) को मनीषा सक्सेना (आईएएस: 1996: एजीएमयूटी) के स्थान पर पर्यटन मंत्रालय में महानिदेशक (पर्यटन) नियुक्त किया गया है।

अमनदीप गर्ग (आईएएस: 1999: एचपी) को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव नियुक्त किया गया है।

अजय भादू (आईएएस: 1999: जीजे) को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

आशुतोष अग्निहोत्री (आईएएस: 1999: एएम) को गृह मंत्रालय के गृह विभाग में अतिरिक्त सचिव नियुक्त किया गया है।

एन गुलज़ार (आईएएस: 1999: एपी) को संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

आशीष चटर्जी (आईएएस: 1999: टीएन) अतिरिक्त सचिव के पद और वेतन के साथ भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ, जनजातीय मामलों के मंत्रालय के नए प्रबंध निदेशक हैं।

अशोक कुमार सिंह (आईएएस: 1999: केएल) अतिरिक्त सचिव के पद और वेतन के साथ कर्मचारी राज्य बीमा निगम, श्रम और रोजगार मंत्रालय के नए महानिदेशक हैं।

निम्नलिखित अधिकारियों को यथास्थान अतिरिक्त सचिव के स्तर पर पदोन्नत किया गया:

भावना गर्ग (आईएएस: 1999: पीबी) को अतिरिक्त सचिव के पद और वेतन पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में डीडीजी, यूआईडीएआई, आरओ, चंडीगढ़ नियुक्त किया गया है।

पुनीत यादव (आईएएस: 1999: डब्ल्यूबी) को अतिरिक्त सचिव स्तर पर पद बहाल करके कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अतिरिक्त सचिव के रूप में पदोन्नत किया गया है।

म बीना (आईएएस: 1999: केएल) को कपड़ा मंत्रालय के विकास आयुक्त (हथकरघा) के कार्यालय में अतिरिक्त सचिव के पद और वेतन के साथ विकास आयुक्त (हथकरघा) के रूप में अपग्रेड किया गया है।

सुबोध यादव (आईएएस: 1999: केएन) को जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में पदोन्नत किया गया है।

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भारत और श्रीलंका के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मुकाबला आज  https://uttarakhandkiawaz.com/the-last-match-of-the-three-match-odi-series-between-india-and-sri-lanka-today/ https://uttarakhandkiawaz.com/the-last-match-of-the-three-match-odi-series-between-india-and-sri-lanka-today/#respond Wed, 07 Aug 2024 07:53:39 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9488

नई दिल्ली।  भारतीय टीम जब बुधवार को श्रीलंका के खिलाफ होने वाले तीसरे वनडे मैच में उतरेगी तो उसकी कोशिश पिछली हार को भुलाकर वापसी करने पर टिकी होगी। भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 27 साल से कोई वनडे सीरीज नहीं हारी है और अगर टीम को इस रिकॉर्ड को बरकरार रखना है तो उसे तीसरे और अंतिम वनडे मैच में स्पिनरों के खिलाफ हावी होकर खेलना होगा। गौतम गंभीर की मुख्य कोच के रूप में यह पहली वनडे सीरीज है और वह निश्चित तौर पर हार के साथ शुरुआत नहीं करना चाहेंगे।

भारत ने 1997 से श्रीलंका के खिलाफ जीती है 11 सीरीज
भारत को श्रीलंका के खिलाफ आखरी बार वनडे सीरीज में हार का सामना 1997 में करना पड़ा था। अर्जुन रणतुंगा की अगुआई वाली टीम ने तब सचिन तेंदुलकर की भारतीय टीम को तीनों मैच में हराया था। भारत और श्रीलंका के बीच तब से 11 वनडे सीरीज हो चुकी है और इन सभी में भारतीय टीम विजयी रही। भारत वर्तमान सीरीज को नहीं जीत पाएगा क्योंकि पहला मैच टाई छूटने के बाद दूसरे मैच में उसे 32 रन से हार का सामना करना पड़ा था। अब उसकी निगाह सीरीज बराबर करने पर टिकी हैं।

बल्लेबाजों का प्रदर्शन रहा था खराब 
भारत बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण इस स्थिति में पहुंचा है। आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिल रही है और कप्तान रोहित शर्मा को छोड़कर भारत का कोई भी अन्य बल्लेबाज श्रीलंका के स्पिनरों का डटकर सामना नहीं कर पाया है। स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अभी तक दो मैच में 38 रन ही बना पाए हैं। उन्होंने आसानी से अपना विकेट गंवाया है जो टीम के लिए चिंता का विषय है। कोहली इस मैच में उसकी भरपाई करने की पूरी कोशिश करेंगे। कोहली को रोहित से मिली आक्रामक शुरुआत को ही आगे बढ़ाने की जरूरत है लेकिन अभी तक वह इसमें नाकाम रहे हैं। उन्हें संघर्षरत मध्यक्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर पारी को संवारना होगा। इसके लिए उन्हें और अन्य बल्लेबाजों को रोहित की तरह स्पिनरों पर हावी होकर खेलना होगा।
भारतीय बल्लेबाजों के लिए अबूझ पहेली बन रहे श्रीलंकाई स्पिनर 
श्रीलंका के स्पिनर भारत के अन्य बल्लेबाजों के लिए भी अबूझ पहेली बने हुए हैं। स्पिनरों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिवम दुबे पिछले मैच में जैफ्री वांडरसे की आसान लेग स्पिन को भी नहीं समझ पाए। श्रेयस अय्यर और केएल राहुल भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों को खेलने में असफल रहे हैं। रोहित ने पिछले मैच में 44 गेंद पर 64 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। श्रीलंका के स्पिनर उनके सामने नहीं चल पाए थे। भारत के अन्य बल्लेबाजों को भी अपने कप्तान से सीख लेने की जरूरत है।
दुबे की जगह पराग को मिलेगा अवसर?
भारत इस मैच में दुबे की जगह रियान पराग को मौका दे सकता है जो स्पिनरों को अच्छी तरह से खेलते हैं। उनकी स्पिन गेंदबाजी टीम के लिए अतिरिक्त बोनस होगी, क्योंकि भारतीय गेंदबाज भी अभी तक श्रीलंका के स्पिनरों की तरह प्रभाव नहीं छोड़ पाए हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच मैच कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेला जाएगा। यह मैच भारतीय समयानुसार दोपहर ढाई बजे से खेला जाएगा। तीसरे वनडे का सीधा प्रसारण भारत में सोनी स्पोर्ट्स टेन 1, सोनी स्पोर्ट्स टेन 1 एचडी, सोनी स्पोर्ट्स टेन 5 और सोनी स्पोर्ट्स टेन 5 एचडी टीवी चैनलों पर उपलब्ध होगा। इसके अलावा मैच की लाइव स्ट्रीमिंग सोनी लिव एप पर उपलब्ध होगी।
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अयोध्या सामूहिक दुष्कर्म- पीड़िता का कराया गया गर्भपात, डीएनए जांच के लिए दिया गया भ्रूण सैंपल  https://uttarakhandkiawaz.com/ayodhya-gang-rape-victim-forced-to-abort-foetus-sample-given-for-dna-testing/ https://uttarakhandkiawaz.com/ayodhya-gang-rape-victim-forced-to-abort-foetus-sample-given-for-dna-testing/#respond Wed, 07 Aug 2024 07:46:38 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9485

डीएनए के आधार पर होगी दोषियों की पहचान 
पीड़िता की मां ने की गर्भपात होने की पुष्टि 
गर्भपात के बाद सामान्य है पीड़िता की हालत 
 
18 वर्ष से कम है पीड़िता की उम्र 

उत्तर प्रदेश। मानवता को शर्मसार करने वाले अयोध्या में हुए सामूहिक दुष्कर्म में नया मोड़ सामने आया है, जहां पीड़िता का गर्भपात कराया गया है। बता दें कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के क्वीन मेरी अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने यह गर्भपात कराया है। इसके साथ ही पीड़िता के गर्भपात के बाद डीएनए जांच के लिए जांच अधिकारी को भ्रूण सैंपल भी दिया गया है। डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दोषियों की पहचान की जाएगी।

इस मामले पर केजीएमयू प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इन्कार किया है। हालांकि अस्पताल के सूत्रों तथा पीड़िता की मां ने गर्भपात होने की पुष्टि की है। सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को सोमवार को अयोध्या से केजीएमयू के लिए रेफर किया गया था। उसके साथ सीएमओ के साथ ही अन्य अधिकारी भी आए थे।

केजीएमयू में डॉक्टरों की टीम ने उसका परीक्षण किया तथा सब कुछ नॉर्मल होने पर मंगलवार को उसका गर्भपात कराया। पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी। उसको 12 सप्ताह का गर्भ था, इसलिए गर्भपात में कोई कानूनी अड़चन नहीं थी।
14 साल 6 माह की है पीड़िता

पीड़िता 14 साल छह माह की है। बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत शैक्षणिक अभिलेखों से उसकी वास्तविक आयु स्पष्ट हुई है। उधर, सीडब्लूसी ने दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिजनों को विभिन्न योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए संबंधित विभागों को प्रस्ताव भेजा गया है।

पीड़िता की आयु अब तक स्पष्ट नहीं थी। दर्ज एफआईआर में उसकी आयु 12 वर्ष बताई गई थी, लेकिन बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत आठवीं की टीसी (स्थानांतरण प्रमाण-पत्र) से उसकी सही आयु का पता चला है। इस अभिलेख के आधार पर उसकी उम्र 14 साल छह माह बताई गई है।

प्रदेश सरकार की अलग-अलग योजनाओं के तहत लाभान्वित करने की प्रक्रियाएं शुरू हुई हैं। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई सम्मान सहायता कोष से पीड़िता को तीन से 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता मिल सकती है। इसके तहत पुलिस ने पोर्टल पर एफआईआर अपलोड कर दिया है।
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ब्रिटेन ने शेख हसीना को सुरक्षा देने से किया इनकार, अब किस देश में शरण लेंगी पूर्व प्रधानमंत्री ? https://uttarakhandkiawaz.com/britain-refused-to-give-security-to-sheikh-hasina-in-which-country-will-the-former-prime-minister-take-refuge-now/ https://uttarakhandkiawaz.com/britain-refused-to-give-security-to-sheikh-hasina-in-which-country-will-the-former-prime-minister-take-refuge-now/#respond Wed, 07 Aug 2024 06:53:05 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9482

नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के ब्रिटेन में राजनीतिक शरण लेने की योजना पर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। हसीना ने सोमवार को बांग्लादेश में अशांति के कारण अपनी सुरक्षा को खतरा मानते हुए भारत में शरण ली थी।

ब्रिटेन सरकार नहीं दे पाएगी सुरक्षा
शेख हसीना की योजना लंदन जाकर राजनीतिक शरण लेने की थी, लेकिन अब ब्रिटेन सरकार ने संकेत दिया है कि वह उन्हें हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर कानूनी सुरक्षा नहीं दे पाएगी। इसके चलते हसीना अब अन्य विकल्पों पर विचार कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, हसीना और उनकी बहन रेहाना को अस्थायी शरण के लिए भारत से लंदन जाना था, लेकिन अब वे इस योजना को लेकर असमंजस में हैं।

भारत ने दिया मदद का भरोसा
भारत ने हसीना को मदद का भरोसा दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में कहा कि नई दिल्ली ने शेख हसीना को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि हसीना की यात्रा के बारे में भारतीय अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया गया था और हसीना को हिंडन एयरबेस पर पहुंचने के बाद किसी अज्ञात स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

‘सदमे में हैं शेख हसीना’
विदेश मंत्री ने बताया कि शेख हसीना अपने देश छोड़ने के बाद सदमे में हैं। सरकार ने उन्हें अपनी अगली योजना और कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए समय दिया है। एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा, “5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में एकत्र हुए। सुरक्षा प्रतिष्ठानों के नेताओं के साथ बैठक के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया और भारत आने के लिए मंजूरी मांगी।”

अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भारत की नजर
जयशंकर ने कहा कि भारत बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ निरंतर संपर्क में है और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा, “हम उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों द्वारा की जा रही पहलों को लेकर चिंतित हैं। कानून और व्यवस्था बहाल होने तक हम सतर्क रहेंगे।”

भारत में रह सकती हैं हसीना
सूत्रों के अनुसार, हसीना की यात्रा योजनाओं में अड़चन आई है और वह अगले कुछ दिनों तक भारत में ही रह सकती हैं। उन्होंने स्थिति को गतिशील बताया और कहा कि इस मामले में अभी कोई स्पष्ट रास्ता नहीं है।

शेख हसीना ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। यह विरोध-प्रदर्शन नौकरी में आरक्षण योजना के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन कुछ ही हफ्तों में यह एक बड़े आंदोलन में बदल गया और हसीना को सत्ता से हटाने की मांग उठने लगी।

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अगर आप भी चॉकलेट खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए. आपके लिए बुरी खबर है. एक रिसर्च में कई चॉकलेट प्रोडक्ट्स में टॉक्सिक हैवी मेटल्स पाए हैं, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक और खतरनाक हो सकते हैं।

एक स्टडी में चॉकलेट से बने कई प्रोडक्ट में टॉक्सिक हैवी मेटल्स लेड और कैडमियम जरूरत से ज्यादा मिली है, जो सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं इस स्टडी में क्या मिला…

चॉकलेट में कई हैवी मेटल्स
इस स्टडी में कोको से बनने वाले डार्क चॉकलेट समेत 72 प्रोडक्ट्स का वैज्ञानिकों ने 8 सालों तक एनालिसिस किया जिसके बाद उन्होंने पाया कि चॉकलेट से बने 43% प्रोडक्ट्स में सीसा (लेड) की काफी ज्यादा मात्रा थी. 35% प्रोडक्ट्स में कैडमियम पाए गए. वहीं, ऑर्गनिक प्रोडक्ट में टॉक्सिक मेटल्स काफी ज्यादा मिले हैं, जो चिंता बढ़ाने वाले हैं।

चॉकलेट में लेड, सेहत के लिए खतरनाक
शोधकर्ताओं ने बताया कि चॉकलेट प्रोडक्ट्स में ये मेटल्स कंटामिनेशन मिट्टी या मैन्यूफैक्चरिंग के वक्त हो सकता है. यह स्टडी चॉकलेट के अलग-अलग ब्रांड्स और वैरायटी पर बेस्ड था. इसमें कई में टॉक्सिक मेटल्स का लेवल काफी ज्यादा पाया गया। लेड काफी टॉक्सिक एलीमेंट है जो अगर शरीर में जमा हो जाए तो नर्वस सिस्टम, किडनी और हार्ट हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. बच्चों के शरीर में पहुंचकर यह मानसिक ग्रोथ पर बुरा असर डाल सकता है।

डार्क चॉकलेट में हैवी मेटल का हाई लेवल जोखिम पैदा कर सकता है, खासकर अगर इसे कुछ समुद्री भोजन, चाय और मसालों जैसे हैवी मेटल वाले अन्य उत्पादों के साथ खाया जाए।

कैडमियम का सेहत पर असर
चॉकलेट में पाया जाना वाला दूसरा टॉक्सिक मेटल कैडमियम किडनी और हड्डियों के लिए हानिकारक होता है. अगर लंबे समय तक इसके संपर्क में शरीर रहे तो हड्डियां कमजोर हो सकती हैं. इसके अलावा किडनी की कई बीमारियां हो सकती हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि कोको प्लांट जमीन से हैवी मेटल्स अवशोषित कर सकते हैं, इसलिए ज्यादा चॉकलेट खाने से बचना चाहिए. बच्चों को भी इसके नुकसान बताने चाहिए।

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15 हजार से भी अधिक लोगों को निकाला गया सुरक्षित, केदारघाटी में सात दिन तक चला कठिन रेस्क्यू अभियान  https://uttarakhandkiawaz.com/more-than-15-thousand-people-were-evacuated-safely-a-difficult-rescue-operation-lasted-for-seven-days-in-kedarghati/ https://uttarakhandkiawaz.com/more-than-15-thousand-people-were-evacuated-safely-a-difficult-rescue-operation-lasted-for-seven-days-in-kedarghati/#respond Wed, 07 Aug 2024 05:40:37 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9476

यात्रियों को निकालने का रेस्क्यू अभियान हुआ पूरा 
देहरादून। केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते मार्ग अवरुद्ध होने से विभिन्न स्थानों पर रुके यात्रियों का रेस्क्यू अभियान मंगलवार को पूरा हो गया है। 31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू करने के लिए  मुख्यमंत्री ने स्वयं रेस्क्यू अभियान की सतत निगरानी की। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने तथा लोगों का रेस्क्यू करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
मुख्यमंत्री ने स्वयं दो बार आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। राहत और बचाव कार्यों में लगी टीमों को जिन भी संसाधनों की जरूरत थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें तुरंत उपलब्ध कराया गया।  मुख्यमंत्री रेस्क्यू अभियान की पल-पल की जानकारी लेते रहे। राहत और बचाव कार्यों के लिए जितने भी संसाधनों तथा मैन पॉवर की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें तत्काल उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में इतनी बड़ी आपदा तथा व्यापक स्तर पर हुए नुकसान के बावजूद एक सप्ताह से भी कम समय में रेस्क्यू अभियान पूरा हो पाया, यह दर्शाता है कि इसीलिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य के तौर पर पूरे देश में देखा जाता है।
केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते हुए नुकसान, रेस्क्यू एवं बचाव कार्यों, यात्रा को दोबारा शुरू करने को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को रुद्रप्रयाग पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अतिवृष्टि को लेकर संबंधित आधिकारियों तथा कर्मचारियों की समीक्षा बैठक ली। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में 15 हजार से अधिक यात्री एवं स्थानीय लोगों को हवाई तथा पैदल मार्गों से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। अब रेस्क्यू अभियान पूर्ण हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा यही प्रयास है कि केदारघाटी में जल्द से जल्द हालात सामान्य हों। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भू-स्खलन की चपेट में आने से पैदल एवं सड़क मार्ग अवरुद्ध हुआ है। पेयजल तथा विद्युत की लाइनों सहित बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। जहां भी मार्ग क्षत्रिग्रस्त हैं, उनकी मरम्मत करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, सचिव लोनिवि  पंकज कुमार पांडेय, कमिश्नर गढ़वाल  विनय शंकर पांडे, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे, एनडीआरएफ के कमांडेंट सुदेश दराल, एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा आदि मौजूद थे।
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प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में 749 नये अतिथि शिक्षकों को मिली तैनाती https://uttarakhandkiawaz.com/749-new-guest-teachers-got-appointment-in-government-schools-of-the-state/ https://uttarakhandkiawaz.com/749-new-guest-teachers-got-appointment-in-government-schools-of-the-state/#respond Wed, 07 Aug 2024 05:27:54 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9473

विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर अधिकारियों ने जारी किये आदेश
कहा दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को मिलगी बेहतर शिक्षा
देहरादून। शिक्षा विभाग ने सूबे के 11 जनपदों के दूरस्थ विद्यालयों में विज्ञान, गणित एवं अंग्रजी विषय के 749 अतिथि शिक्षकों को नई तैनाती दी है। इन विद्यालयों में वार्षिक स्थानान्तरण के उपरान्त काफी संख्या में पद रिक्त हो गये थे जिनको भरने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अभिवावकों द्वारा शिक्षकों की तैनाती की मांग की जा रही थी। जिसके क्रम में विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में रिक्त पदों को अतिथि शिक्षकों से भरने के निर्देश दिये थे जिसके क्रम में अधिकारियों द्वारा तत्काल प्रभाव से यह कार्यवाही की गई है।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार वर्ष 2018 में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापाक, एलटी एवं प्रवक्ता के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती का निर्णय लिया गया था जिस हेतु  उक्त पदों की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये थे जिसके तहत तद्समय लगभग 4200 अतिथि शिक्षकों को विभिन्न विद्यालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दी गई थी जबकि तद्समय 1000 अभ्यर्थी तैनाती पाने से वंचित रह गये थे। वर्तमान में राज्य के विभिन्न राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता संवर्ग के 749 रिक्त पदों के सापेक्ष रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, अंग्रजी एवं गणित विषयों में जनपदवार एवं विषयवार मैरिट सूची तैयार कर तैनाती कर दी गई है।
डॉ. रावत ने बताया कि हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर जनपदों को छोड़कर शेष 11 जनपदों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अभ्यर्थियों की मैरिटवार सूची भेज दी गई है ताकि उनको विद्यालयों में शीघ्र तैनाती दी जा सके। जिसके तहत जनपद चमोली में 101, पिथौरागढ़ 112, पौड़ी 88, अल्मोड़ा 157, नैनीताल 35, चम्पावत 41, बागेश्वर 68, रूद्रप्रयाग 76, टिहरी 40, उत्तरकाशी 14 तथा देहरादून के पर्वतीय क्षेत्रों में 17 अतिथि शिक्षकों को प्रवक्ता संवर्ग के रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दी गई है।
विभागीय मंत्री ने उम्मीद जताई है कि इन नये अतिथि शिक्षकों की तैनाती से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल पायेगी।
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युवाओं को बेहतर भविष्य संजोने का मौका https://uttarakhandkiawaz.com/an-opportunity-for-the-youth-to-build-a-better-future/ https://uttarakhandkiawaz.com/an-opportunity-for-the-youth-to-build-a-better-future/#respond Wed, 07 Aug 2024 04:43:49 +0000 https://uttarakhandkiawaz.com/?p=9470

कारगिल विजय दिवस पर छह राज्यों की भाजपा सरकार ने अग्निवीरों को तोहफा दिया है। गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों द्वारा यह जानकारी दी गई है।

अग्निवीर जब सेना की अपनी सेवा के बाद वापस लौटेंगे तो उन्हें पुलिस और  पीएसी में प्राथमिकतानुसार समायोजित किया जाएगा।
अग्निवीर योजना केंद्र  सरकार की ड्रीम योजनाओं में से है, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2022 में शुरू की गई थी। इसके तहत 17 से 21 साल की आयु वाले युवाओं को भारतीय सेना में चार साल के लिए सेवा का अवसर दिया जा रहा है।

आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में  सैनिक स्तर पर भर्ती के लिए अग्निवीर योजना को लागू किया गया है। आम चुनाव के दौरान विपक्ष ने इस योजना को विशेष तौर से निशाने पर रखा था और इसे लगातार रद्द करने की मांग कर रहा है। लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सत्ता में आने के बाद इसे बंद करने की बात करते हैं।

हालांकि सरकार बार-बार इस योजना को लेकर दलील देती रही है कि कुछ राजनीतिक दल इस तरह की बातों से युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। अग्निवीरों के लिए आरक्षण की इस घोषणा के पीछे यही दबाव माना जा रहा है।

चूंकि ये अल्पकालिक सेवाएं हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि चार साल बाद ये सेवामुक्त अग्निवीर पुन: बेरोजगार हो जाएंगे। इसलिए सरकार ने इन्हें निश्चित आरक्षण देकर इस विवाद को संभालने का प्रयास किया है। हालांकि कुछ समय पूर्व ही गृह मंत्रालय द्वारा पूर्व अग्निवीरों के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में दस फीसद पद आरक्षित करने का भी ऐलान किया गया है।

साथ ही, अग्निवीरों में से पच्चीस प्रतिशत को पंद्रह सालों तक सेवा में बनाए रखने का प्रावधान भी जोड़ा गया। देश में बढ़ती जा रही बेरोजगारी सरकार के लिए कड़ी चुनौती बनती जा रही है। दूसरे, बहुत बड़ा वर्ग सेना में नियुक्ति को लेकर विशेष उत्सुक रहता है।

उसे प्राप्त होने वाला यह मौका सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता। सेना में केवल चार वर्षो के सेवाकाल के उपरांत इन प्रशिक्षित युवाओं का इससे बेहतर इस्तेमाल नहीं हो सकता। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ये योजनाएं युवाओं को बेहतर भविष्य संजोने का मौका देने वाली साबित हो सकती हैं बशत्रे अग्निवीर को चार साल के कार्यकाल के बाद अवसरों के दरवाजे बंद न हों।

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